The smart Trick of Shodashi That No One is Discussing
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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
The Shreechakra Yantra promotes the many benefits of this Mantra. It is not Obligatory to meditate before this Yantra, but if You should buy and utilize it during meditation, it can give remarkable Added benefits for you.
Charitable acts like donating meals and apparel for the needy will also be integral to your worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate aspect of the divine.
The observe of Shodashi Sadhana is often a journey toward both of those enjoyment and moksha, reflecting the dual character of her blessings.
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra makes a spiritual defend close to devotees, protecting them from negativity and damaging influences. This mantra functions for a source of protection, assisting people today sustain a good setting absolutely free from mental and spiritual disturbances.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
The Tripurasundari temple in Tripura point out, regionally called Matabari temple, was to start with Started by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, even though it was in all probability a spiritual pilgrimage web-site For a lot of generations prior. This peetham of power was at first meant to be considered a temple for Lord Vishnu, but because of a revelation which the maharaja experienced in the dream, He commissioned and set up Mata Tripurasundari within just its chamber.
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual expansion and also the attainment of worldly pleasures and comforts.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में here भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि